Telnet kya hai ?

Telnet kya hai ?

आज का टॉपिक है टेलनेट क्या होता है ? What is Telnet in Networks ?



टेलनेट एक टर्मिनल एमुलेशन प्रोग्राम है जो सर्वर्स को एक्सेस करने के काम आता है | ये एक सिंपल कमांड लाइन टूल है जो आपके कंप्यूटर से रन किया जा सकता है | कहीं से भी बैठ कर सर्वर को एक्सेस किया जा सकता है और कमांड दी जा सकती है ठीक उसी तरह जैसे हम किसी सर्वर के पास एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर बैठकर कमांड चलाते है | तो टेलनेट इस्तेमाल करने के लिए बास आपके कंप्यूटर से टेलनेट के द्वारा सर्वर पर कमांड दी जाती है और उस कमांड के द्वारा आप सर्वर पर कुछ कर सकते है | 

आप टेलनेट के द्वारा ये काम कर सकते है 

प्रोग्रम चला सकते है , फ़ोल्डर्स बना सकते है, फाइल्स डिलीट कर सकते है, फाइल बना सकते है, फाइल्स को ट्रान्सफर कर सकते है, डिरेक्टरी पर जा सकते है, और कोई भी सर्वर शुर या बंद कर सकते है |

तो लगभग आप सब कुछ कर सकते है इससे कोई फर्क नही पड़ता आप कहाँ बैठे है आप कहीं से भी सर्वर को एक्सेस कर सकते है |

टेलनेट से आप सर्वर पर सर्विसेज पर तो काम कर ही सकते है इसके अलावा आप दुसरे डिवाइसेस भी टेलनेट से एक्सेस कर सकते है |

जैसे राऊटर और स्विच | और आप चेक कर सकते है कि सर्वर पर पोर्ट ओपन तो नहीं है अगर ओपन है तो आप क्लोज कर सकते है |

टेलनेट को आप विंडोज में, मैक ओएस में इस्तेमाल कर सकते है, पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल इसका लिनक्स और  उनिक्स बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम में होता है |

तो जैसा कि पहले बताया गया ..

टेलनेट एक कमांड लाइन टूल है |

टेलनेट में किसी तरह का ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस नहीं होता है | ये एक सिंपल टेक्स्ट बेस्ड टूल है इसमें  सिर्फ टेक्स्ट ही होता है और कुछ नहीं | और पूरा कंप्यूटर भी काम नही आता इसमें आप सिर्फ कमांड से इसको चला सकते है | 

सभी कमांड की बोर्ड के द्वारा टाइप करके सेंड किये जाते है | 

ग्राफ़िक ना होने कि वजह से टेलेंट बहुत फ़ास्ट काम करता है | 

टेलनेट का मतलब है टेलिटाइप नेटवर्क |

इसको 1969 में बनाया गया था और चूँकि इसको स्क्युरिटी के पर्पस से बनाया गया था इसलिए इसमें किसी तरह का ग्राफिकल इंटरफ़ेस नहीं डाला गया | 

इसमें सभी कमांड क्लियर टेक्स्ट के तौर पर जाते है |

और इसमें किसी तरह का एन्क्रिप्शन नहीं होता है | 

तो अगर आप टेलनेट के द्वारा किसी सर्वर को एक्सेस करते है तो पूरा डाटा क्लियर टेक्स्ट में जाता है तो कोई  भी आसानी से जाते हुए डाटा में से जरुरी जानकारी चुरा सकता है | जैसे यूजरनाम और पासवर्ड | तो एन्क्रिप्शन न होने कि वजह से टेलनेट पुराना हो गया है | और इसकी वजह से ये पब्लिक इन्टरनेट पर इस्तेमला नहीं किया जाता है | पर आज भी कुछ लोग इसका इस्तेमाल करते है पर ज्यादातर इसका इस्तेमाल लोकल नेटवर्क पर ही करते है | पर हा इसका इस्तेमाल वहां किया जा सकता है जहाँ पर नया प्रोटोकॉल ssh का इस्तेमाल होता है | sss या फिर secure shell ज्यादा अच्छा आप्शन है बजाये टेलनेट के | सिक्योर शैल डाटा को नेटवर्क में से चोरी होने से बचाता है | 

Secure shell डाटा को नेटवर्क में जाने से पहले प्रोटेक्ट कर देता है जिससे इसका चोरीं होने से बचाव हो सकता है | डाटा सिक्योर रहे इसके लिए इसमें ‘पब्लिक की’ और ‘पासवर्ड’ का इस्तेमाल किया जाता है | तो इसके द्वारा जो भी काम किया जाता है सब सिक्योर होता है इसिलए आजकल इसका इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है | 

अगर आप कुछ मजेदार उदहारण देखना चाहते है अपने कंप्यूटर पर तो आप ये कर सकते है ..

तो अगर आप विंडोज कंप्यूटर इस्तेमाल कर रहे है तो सबसे पहले आपको टेलेंट क्लाइंट इनेबल करना होगा | इसके लिए आपको सबसे पहले ...

Program and features में जाना होगा | 

इसके बाद Turn windows features on off पर क्लिक करो |

इसके बाद आपको यहाँ पर टेलेंट क्लाइंट पर टिक मार्क लगा कर इनेबल करना होगा | 

इसके बाद आप कमांड प्रोग्राम में जाकर कमांड प्रोमट खोल लीजिये और ये कुछ कमांड इस्तेमाल कीजिये |

अगर आप स्टार वार्स मूवी देखना चाहते है aasci  version वाली तो ये कमांड लगाओ ...

telnet towel.blinkenlights.nl

ये लगा के एंटर मारो और आपको मूवी देखेगी |

और अगर आप टेलनेट वर्शन चेस खेलना चाहते है तो ये कमांड लगाओ ...

telnet freechess.org 5000

और एंटर मारो तो गेम खुल जायेगा | 




धन्यवाद


What is Hybrid Topology ?

Hybrid Topology kya hota hai ?


हाइब्रिड टोपोलॉजी ऐसा नेटवर्क है जिसमे 2 या 2 से ज्यादा नेटवर्क टोपोलोजिज़ का इस्तेमाल किया जाता है। तो इस तरह के नेटवर्क में ये टोपोलोजिज़ शामिल हो सकती है --- बस टोपोलॉजी, मेष टोपोलॉजी, रिंग टोपोलॉजी, स्टार टोपोलॉजी और ट्री टोपोलॉजी। 

ये किसी भी बिज़नेस के ऊपर निर्भर करता है कि उसको सामान्य टोपोलॉजी के बजाये हाइब्रिड टोपोलॉजी इस्तेमाल करनी है | तो इस तरह के नेटवर्क इस पर  निर्भर करता है कि कितने कंप्यूटर है, कितनी दूरी पर है और नेटवर्क की परफॉरमेंस कैसी है।  




Types of Hybrid Typologies


2 प्रकार की टोपोलोजिज़ है जो ज्यादातर काम में आती है। 


Star-Ring hybrid topology

 star-ring hybrid topology स्टार और रिंग टोपोलॉजी का कॉम्बिनेशन है | 2 या 2 से ज्यादा टोपोलॉजी रिंग टोपोलॉजी से कनेक्टेड होती है | 




Star-Bus hybrid topology


ये टोपोलॉजी स्टार और बस टोपोलॉजी का कॉम्बिनेशन है। 2 और 2  टोपोलोजिज़ बस टोपोलोजिज़ से कनेक्टेड होती है। 


 



What is Network in Hindi ?

computer network kya hota hai ? कंप्यूटर नेटवर्क क्या होता है ?



जहाँ पर डाटा शेयरिंग के लिए कंप्यूटर, सर्वर्स, फेरिफेरल्स, मेनफ्रेम और दूसरे नेटवर्क डिवाइस को आपस में जोड़कर इनका समूह बनाया जाता है तो ऐसे समूह को नेटवर्क कहते है | इसका बहुत बढ़ा उदहारण इंटरनेट है जहाँ पर लाखों लोग आपस में एक दूसरे से कनेक्टेड है | यहाँ पर एक इमेज दिखाई गयी है इसमें आप देख सकते है कि एक होम नेटवर्क है जो दूसरे नेटवर्क्स से कनेक्टेड है | 









ये कुछ उदहारण है नेटवर्क डिवाइस के....


डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप, मेनफ्रेम और सर्वर्स 
कंसोल और थिन क्लाइंट 
फ़ायरवॉल 
ब्रिजेस 
रिपीटर्स 
नेटवर्क इंटरफ़ेस कार्ड 
स्विच, हब, मॉडेम और रॉयटर्स 
स्मार्टफोन और टेबलेट 
वेबकेम 


नेटवर्क टोपोलोजिज़ एंड टाइप ऑफ़ नेटवर्क 


नेटवर्क टोपोलॉजी का मतलब है ऐसे डिवाइस जो आपस में कनेक्टेड है पर ये डिवाइसेस बहुत दूरी पर होते है मतलब अलग अलग शहरों में भी हो सकते है | नीचे काफी सारे ग्राफ दिए गए है आप देख सकते है इनका आपस में कनेक्शन | आप देख सकते है नेटवर्क में काफी डिवाइस लगे हुए है और नेटवर्क में डिवाइस किस किस आर्डर में लगे हुए है | 

कुछ नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन होते है जो इस प्रकार हो सकते है- बस टोपोलॉजी, मेष टोपोलॉजी, स्टार टोपोलॉजी, ट्री टोपोलॉजी, रिंग टोपोलॉजी और हाइब्रिड टोपोलॉजी | 







ज्यादातर होम कंप्यूटर ट्री नेटवर्क कॉन्फ़िगर है ये इंटरनेट से कनेक्टेड है | कॉर्पोरेट नेटवर्क भी ट्री टोपोलॉजी को इस्तेमाल करते है पर कभी कभी स्टार टोपोलॉजी को भी काम में लेते है | 



पहला कंप्यूटर नेटवर्क कौनसा था ?

पहला कंप्यूटर नेटवर्क 1960 में ARPANET के द्वारा बनाया गया था जो पैकेट स्विचिंग का इस्तेमाल करता था | आज का इंटरनेट देखते है तो ये पहला इंटरनेट माना जा सकता है | पहला ARPANET मैसेज 12 अक्टूबर 1969 को सेंड किया गया था | 

What is Star Topology in Hindi ?

Star Topology


Star Topology और Start Network के नाम से जाना जाने वाला ये नेटवर्क सबसे आम नेटवर्क टोपोलॉजी है | इस तरह के नेटवर्क में हर डिवाइस एक सेंट्रल नेटवर्क डिवाइस जैसे कि हब, स्विच, या फिर कंप्यूटर से कनेक्टेड होता है | जो सेंट्रल डिवाइस है वो सर्वर के तौर पर जाना जाता है और बाकी के क्लाइंट के तौर पर काम करते है | कंप्यूटर नेटवर्किंग में किस तरह की केबल का इस्तेमाल किया जायेगा ये कंप्यूटर में इस्तेमाल किये जाने वाला नेटवर्क कार्ड के ऊपर निर्भर करता है कि RJ45 कनेक्टर है या फिर Coaxial | नीचे एक इमेज दिखाई गयी है उसमे आप देख सकते है कि तरह से नेटवर्क बनता है | 







Star Topology के लाभ 



  1. हब, स्विच या फिर सर्वर कंप्यूटर के द्वारा पूरे नेटवर्क को एक ही जगह से मैनेज किया जा सकता है | 
  2. नेटवर्क में और कंप्यूटर को जोड़ना आसान हो जाता है | 
  3. अगर नेटवर्क में एक कंप्यूटर काम करना बंद कर देता है तो बाकी नेटवर्क पर इसका असर नहीं पड़ता और बाकी नेटवर्क सही तरीके से काम करता रहता है | 
 
 

Star Topology की हानियाँ 


  1. पूरे नेटवर्क को सेट करने में ज्यादा खर्चा आ सकता है अगर सेंट्रल में किसी तरह का राऊटर या फिर बड़े स्विच का इंस्टालेशन किया जाता है तो | 
  2. पूरा नेटवर्क कितने कंप्यूटर झेल सकता है या फिर कितने कंप्यूटर तक लगाए जा सकते जिससे किसी तरह की परफॉर्मेंस में दिक्कत ना हो तो ये सेंट्रल डिवाइस को तय करना होता है | 
  3. अगर सेंट्रल कंप्यूटर, हब, या फिर स्विच बंद पड़ जाता है तो इसका असर पूरे नेटवर्क पर पड़ता है और पूरा नेटवर्क बंद हो जाता है

What is Mesh Topology ?

आईये जाने Mesh Topology क्या है ?

मेष टोपोलॉजी ऐसा नेटवर्क सेटअप है जहाँ पर हर कंप्यूटर और नेटवर्क डिवाइस हर दूसरे डिवाइस से कनेक्टेड होता है | अगर कोई भी नेटवर्क डिवाइस या फिर कंप्यूटर डाउन हो जाता है तो नेटवर्क पर कोई असर नहीं पड़ता और डाटा सेंड किया जा सकता है | साधारणतया ये टोपोलॉजी वायरलेस नेटवर्क में इस्तेमाल की जाती है |  नीचे एक उदहारण दिया गया है जिसमे सभी devices मेष टोपोलॉजी के अंतर्गत कनेक्टेड है | 



अलग अलग तरह की Mesh Topology


एक मेष टोपोलॉजी पूरी तरह से मेष टोपोलॉजी हो सकती है या फिर आधी हो सकती है | फुल मेष टोपोलॉजी में एक कंप्यूटर नेटवर्क में रहने वाले हर कंप्यूटर से कनेक्टेड होता है | इस तरह ने नेटवर्क में कितने कंप्यूटर कनेक्ट किये जा सकते है इसके लिए इस फॉर्मूले का इस्तेमला किया जाता है | 

(n is the number of computers in the network): n(n-1)/2

पार्शियल मेष टोपोलॉजी में कम से कम 2 कंप्यूटर नेटवर्क में बाकी सभी कंप्यूटर से कनेक्टेड होते है | नेटवर्क ज्यादा भारी और महंगा ना हो पाए इसलिए इस तरह का नेटवर्क काम में लिया जाता है | अगर नेटवर्क में प्राइमरी कंप्यूटर फ़ैल हो जाता है तो दूसरा सिस्टम अच्छे से नेटवर्क को संभाल के रखता है |


Mesh Topology के लाभ 

  • क्योंकि बहुत सारे डिवाइसेस एक साथ बहुत सारा डाटा एक साथ सेंड करते है तो ये नेटवर्क भारी डाटा ट्रैफिक को मैनेज करता है | 
  • किसी एक कंप्यूटर के फ़ैल हो जाने से नेटवर्क पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हर कंप्यूटर दूसरे से कनेक्टेड होता है | 
  • नेटवर्क में नए डिवाइस ऐड करने पर नेटवर्क पर किसी तरह का डिस्टर्बेंस नहीं होता है | 


Mesh Topology की हानियाँ 


  • दुसरे नेटवर्क के मुकाबले इस नेटवर्क में पैसा ज्यादा खर्च होता है इसलिए ये लोगो को काम पसंद आता है | 
  • इस तरह के नेटवर्क टोपोलॉजी को बनाने और फिर मैनेज करने के लिए बहुत समय चाहिए होगा है | 
  • कनेक्शन्स बढ़ने के चान्सेस ज्यादा होते है जिससे पैसे तो ज्यादा खर्च होते है पर नेटवर्क में उतनी ताकत नहीं रहती | 



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