Telnet kya hai ?

Telnet kya hai ?

आज का टॉपिक है टेलनेट क्या होता है ? What is Telnet in Networks ?



टेलनेट एक टर्मिनल एमुलेशन प्रोग्राम है जो सर्वर्स को एक्सेस करने के काम आता है | ये एक सिंपल कमांड लाइन टूल है जो आपके कंप्यूटर से रन किया जा सकता है | कहीं से भी बैठ कर सर्वर को एक्सेस किया जा सकता है और कमांड दी जा सकती है ठीक उसी तरह जैसे हम किसी सर्वर के पास एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर बैठकर कमांड चलाते है | तो टेलनेट इस्तेमाल करने के लिए बास आपके कंप्यूटर से टेलनेट के द्वारा सर्वर पर कमांड दी जाती है और उस कमांड के द्वारा आप सर्वर पर कुछ कर सकते है | 

आप टेलनेट के द्वारा ये काम कर सकते है 

प्रोग्रम चला सकते है , फ़ोल्डर्स बना सकते है, फाइल्स डिलीट कर सकते है, फाइल बना सकते है, फाइल्स को ट्रान्सफर कर सकते है, डिरेक्टरी पर जा सकते है, और कोई भी सर्वर शुर या बंद कर सकते है |

तो लगभग आप सब कुछ कर सकते है इससे कोई फर्क नही पड़ता आप कहाँ बैठे है आप कहीं से भी सर्वर को एक्सेस कर सकते है |

टेलनेट से आप सर्वर पर सर्विसेज पर तो काम कर ही सकते है इसके अलावा आप दुसरे डिवाइसेस भी टेलनेट से एक्सेस कर सकते है |

जैसे राऊटर और स्विच | और आप चेक कर सकते है कि सर्वर पर पोर्ट ओपन तो नहीं है अगर ओपन है तो आप क्लोज कर सकते है |

टेलनेट को आप विंडोज में, मैक ओएस में इस्तेमाल कर सकते है, पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल इसका लिनक्स और  उनिक्स बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम में होता है |

तो जैसा कि पहले बताया गया ..

टेलनेट एक कमांड लाइन टूल है |

टेलनेट में किसी तरह का ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस नहीं होता है | ये एक सिंपल टेक्स्ट बेस्ड टूल है इसमें  सिर्फ टेक्स्ट ही होता है और कुछ नहीं | और पूरा कंप्यूटर भी काम नही आता इसमें आप सिर्फ कमांड से इसको चला सकते है | 

सभी कमांड की बोर्ड के द्वारा टाइप करके सेंड किये जाते है | 

ग्राफ़िक ना होने कि वजह से टेलेंट बहुत फ़ास्ट काम करता है | 

टेलनेट का मतलब है टेलिटाइप नेटवर्क |

इसको 1969 में बनाया गया था और चूँकि इसको स्क्युरिटी के पर्पस से बनाया गया था इसलिए इसमें किसी तरह का ग्राफिकल इंटरफ़ेस नहीं डाला गया | 

इसमें सभी कमांड क्लियर टेक्स्ट के तौर पर जाते है |

और इसमें किसी तरह का एन्क्रिप्शन नहीं होता है | 

तो अगर आप टेलनेट के द्वारा किसी सर्वर को एक्सेस करते है तो पूरा डाटा क्लियर टेक्स्ट में जाता है तो कोई  भी आसानी से जाते हुए डाटा में से जरुरी जानकारी चुरा सकता है | जैसे यूजरनाम और पासवर्ड | तो एन्क्रिप्शन न होने कि वजह से टेलनेट पुराना हो गया है | और इसकी वजह से ये पब्लिक इन्टरनेट पर इस्तेमला नहीं किया जाता है | पर आज भी कुछ लोग इसका इस्तेमाल करते है पर ज्यादातर इसका इस्तेमाल लोकल नेटवर्क पर ही करते है | पर हा इसका इस्तेमाल वहां किया जा सकता है जहाँ पर नया प्रोटोकॉल ssh का इस्तेमाल होता है | sss या फिर secure shell ज्यादा अच्छा आप्शन है बजाये टेलनेट के | सिक्योर शैल डाटा को नेटवर्क में से चोरी होने से बचाता है | 

Secure shell डाटा को नेटवर्क में जाने से पहले प्रोटेक्ट कर देता है जिससे इसका चोरीं होने से बचाव हो सकता है | डाटा सिक्योर रहे इसके लिए इसमें ‘पब्लिक की’ और ‘पासवर्ड’ का इस्तेमाल किया जाता है | तो इसके द्वारा जो भी काम किया जाता है सब सिक्योर होता है इसिलए आजकल इसका इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है | 

अगर आप कुछ मजेदार उदहारण देखना चाहते है अपने कंप्यूटर पर तो आप ये कर सकते है ..

तो अगर आप विंडोज कंप्यूटर इस्तेमाल कर रहे है तो सबसे पहले आपको टेलेंट क्लाइंट इनेबल करना होगा | इसके लिए आपको सबसे पहले ...

Program and features में जाना होगा | 

इसके बाद Turn windows features on off पर क्लिक करो |

इसके बाद आपको यहाँ पर टेलेंट क्लाइंट पर टिक मार्क लगा कर इनेबल करना होगा | 

इसके बाद आप कमांड प्रोग्राम में जाकर कमांड प्रोमट खोल लीजिये और ये कुछ कमांड इस्तेमाल कीजिये |

अगर आप स्टार वार्स मूवी देखना चाहते है aasci  version वाली तो ये कमांड लगाओ ...

telnet towel.blinkenlights.nl

ये लगा के एंटर मारो और आपको मूवी देखेगी |

और अगर आप टेलनेट वर्शन चेस खेलना चाहते है तो ये कमांड लगाओ ...

telnet freechess.org 5000

और एंटर मारो तो गेम खुल जायेगा | 




धन्यवाद


What is Hybrid Topology ?

Hybrid Topology kya hota hai ?


हाइब्रिड टोपोलॉजी ऐसा नेटवर्क है जिसमे 2 या 2 से ज्यादा नेटवर्क टोपोलोजिज़ का इस्तेमाल किया जाता है। तो इस तरह के नेटवर्क में ये टोपोलोजिज़ शामिल हो सकती है --- बस टोपोलॉजी, मेष टोपोलॉजी, रिंग टोपोलॉजी, स्टार टोपोलॉजी और ट्री टोपोलॉजी। 

ये किसी भी बिज़नेस के ऊपर निर्भर करता है कि उसको सामान्य टोपोलॉजी के बजाये हाइब्रिड टोपोलॉजी इस्तेमाल करनी है | तो इस तरह के नेटवर्क इस पर  निर्भर करता है कि कितने कंप्यूटर है, कितनी दूरी पर है और नेटवर्क की परफॉरमेंस कैसी है।  




Types of Hybrid Typologies


2 प्रकार की टोपोलोजिज़ है जो ज्यादातर काम में आती है। 


Star-Ring hybrid topology

 star-ring hybrid topology स्टार और रिंग टोपोलॉजी का कॉम्बिनेशन है | 2 या 2 से ज्यादा टोपोलॉजी रिंग टोपोलॉजी से कनेक्टेड होती है | 




Star-Bus hybrid topology


ये टोपोलॉजी स्टार और बस टोपोलॉजी का कॉम्बिनेशन है। 2 और 2  टोपोलोजिज़ बस टोपोलोजिज़ से कनेक्टेड होती है। 


 



What is Network in Hindi ?

computer network kya hota hai ? कंप्यूटर नेटवर्क क्या होता है ?



जहाँ पर डाटा शेयरिंग के लिए कंप्यूटर, सर्वर्स, फेरिफेरल्स, मेनफ्रेम और दूसरे नेटवर्क डिवाइस को आपस में जोड़कर इनका समूह बनाया जाता है तो ऐसे समूह को नेटवर्क कहते है | इसका बहुत बढ़ा उदहारण इंटरनेट है जहाँ पर लाखों लोग आपस में एक दूसरे से कनेक्टेड है | यहाँ पर एक इमेज दिखाई गयी है इसमें आप देख सकते है कि एक होम नेटवर्क है जो दूसरे नेटवर्क्स से कनेक्टेड है | 









ये कुछ उदहारण है नेटवर्क डिवाइस के....


डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप, मेनफ्रेम और सर्वर्स 
कंसोल और थिन क्लाइंट 
फ़ायरवॉल 
ब्रिजेस 
रिपीटर्स 
नेटवर्क इंटरफ़ेस कार्ड 
स्विच, हब, मॉडेम और रॉयटर्स 
स्मार्टफोन और टेबलेट 
वेबकेम 


नेटवर्क टोपोलोजिज़ एंड टाइप ऑफ़ नेटवर्क 


नेटवर्क टोपोलॉजी का मतलब है ऐसे डिवाइस जो आपस में कनेक्टेड है पर ये डिवाइसेस बहुत दूरी पर होते है मतलब अलग अलग शहरों में भी हो सकते है | नीचे काफी सारे ग्राफ दिए गए है आप देख सकते है इनका आपस में कनेक्शन | आप देख सकते है नेटवर्क में काफी डिवाइस लगे हुए है और नेटवर्क में डिवाइस किस किस आर्डर में लगे हुए है | 

कुछ नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन होते है जो इस प्रकार हो सकते है- बस टोपोलॉजी, मेष टोपोलॉजी, स्टार टोपोलॉजी, ट्री टोपोलॉजी, रिंग टोपोलॉजी और हाइब्रिड टोपोलॉजी | 







ज्यादातर होम कंप्यूटर ट्री नेटवर्क कॉन्फ़िगर है ये इंटरनेट से कनेक्टेड है | कॉर्पोरेट नेटवर्क भी ट्री टोपोलॉजी को इस्तेमाल करते है पर कभी कभी स्टार टोपोलॉजी को भी काम में लेते है | 



पहला कंप्यूटर नेटवर्क कौनसा था ?

पहला कंप्यूटर नेटवर्क 1960 में ARPANET के द्वारा बनाया गया था जो पैकेट स्विचिंग का इस्तेमाल करता था | आज का इंटरनेट देखते है तो ये पहला इंटरनेट माना जा सकता है | पहला ARPANET मैसेज 12 अक्टूबर 1969 को सेंड किया गया था | 

What is Star Topology in Hindi ?

Star Topology


Star Topology और Start Network के नाम से जाना जाने वाला ये नेटवर्क सबसे आम नेटवर्क टोपोलॉजी है | इस तरह के नेटवर्क में हर डिवाइस एक सेंट्रल नेटवर्क डिवाइस जैसे कि हब, स्विच, या फिर कंप्यूटर से कनेक्टेड होता है | जो सेंट्रल डिवाइस है वो सर्वर के तौर पर जाना जाता है और बाकी के क्लाइंट के तौर पर काम करते है | कंप्यूटर नेटवर्किंग में किस तरह की केबल का इस्तेमाल किया जायेगा ये कंप्यूटर में इस्तेमाल किये जाने वाला नेटवर्क कार्ड के ऊपर निर्भर करता है कि RJ45 कनेक्टर है या फिर Coaxial | नीचे एक इमेज दिखाई गयी है उसमे आप देख सकते है कि तरह से नेटवर्क बनता है | 







Star Topology के लाभ 



  1. हब, स्विच या फिर सर्वर कंप्यूटर के द्वारा पूरे नेटवर्क को एक ही जगह से मैनेज किया जा सकता है | 
  2. नेटवर्क में और कंप्यूटर को जोड़ना आसान हो जाता है | 
  3. अगर नेटवर्क में एक कंप्यूटर काम करना बंद कर देता है तो बाकी नेटवर्क पर इसका असर नहीं पड़ता और बाकी नेटवर्क सही तरीके से काम करता रहता है | 
 
 

Star Topology की हानियाँ 


  1. पूरे नेटवर्क को सेट करने में ज्यादा खर्चा आ सकता है अगर सेंट्रल में किसी तरह का राऊटर या फिर बड़े स्विच का इंस्टालेशन किया जाता है तो | 
  2. पूरा नेटवर्क कितने कंप्यूटर झेल सकता है या फिर कितने कंप्यूटर तक लगाए जा सकते जिससे किसी तरह की परफॉर्मेंस में दिक्कत ना हो तो ये सेंट्रल डिवाइस को तय करना होता है | 
  3. अगर सेंट्रल कंप्यूटर, हब, या फिर स्विच बंद पड़ जाता है तो इसका असर पूरे नेटवर्क पर पड़ता है और पूरा नेटवर्क बंद हो जाता है

What is Mesh Topology ?

आईये जाने Mesh Topology क्या है ?

मेष टोपोलॉजी ऐसा नेटवर्क सेटअप है जहाँ पर हर कंप्यूटर और नेटवर्क डिवाइस हर दूसरे डिवाइस से कनेक्टेड होता है | अगर कोई भी नेटवर्क डिवाइस या फिर कंप्यूटर डाउन हो जाता है तो नेटवर्क पर कोई असर नहीं पड़ता और डाटा सेंड किया जा सकता है | साधारणतया ये टोपोलॉजी वायरलेस नेटवर्क में इस्तेमाल की जाती है |  नीचे एक उदहारण दिया गया है जिसमे सभी devices मेष टोपोलॉजी के अंतर्गत कनेक्टेड है | 



अलग अलग तरह की Mesh Topology


एक मेष टोपोलॉजी पूरी तरह से मेष टोपोलॉजी हो सकती है या फिर आधी हो सकती है | फुल मेष टोपोलॉजी में एक कंप्यूटर नेटवर्क में रहने वाले हर कंप्यूटर से कनेक्टेड होता है | इस तरह ने नेटवर्क में कितने कंप्यूटर कनेक्ट किये जा सकते है इसके लिए इस फॉर्मूले का इस्तेमला किया जाता है | 

(n is the number of computers in the network): n(n-1)/2

पार्शियल मेष टोपोलॉजी में कम से कम 2 कंप्यूटर नेटवर्क में बाकी सभी कंप्यूटर से कनेक्टेड होते है | नेटवर्क ज्यादा भारी और महंगा ना हो पाए इसलिए इस तरह का नेटवर्क काम में लिया जाता है | अगर नेटवर्क में प्राइमरी कंप्यूटर फ़ैल हो जाता है तो दूसरा सिस्टम अच्छे से नेटवर्क को संभाल के रखता है |


Mesh Topology के लाभ 

  • क्योंकि बहुत सारे डिवाइसेस एक साथ बहुत सारा डाटा एक साथ सेंड करते है तो ये नेटवर्क भारी डाटा ट्रैफिक को मैनेज करता है | 
  • किसी एक कंप्यूटर के फ़ैल हो जाने से नेटवर्क पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हर कंप्यूटर दूसरे से कनेक्टेड होता है | 
  • नेटवर्क में नए डिवाइस ऐड करने पर नेटवर्क पर किसी तरह का डिस्टर्बेंस नहीं होता है | 


Mesh Topology की हानियाँ 


  • दुसरे नेटवर्क के मुकाबले इस नेटवर्क में पैसा ज्यादा खर्च होता है इसलिए ये लोगो को काम पसंद आता है | 
  • इस तरह के नेटवर्क टोपोलॉजी को बनाने और फिर मैनेज करने के लिए बहुत समय चाहिए होगा है | 
  • कनेक्शन्स बढ़ने के चान्सेस ज्यादा होते है जिससे पैसे तो ज्यादा खर्च होते है पर नेटवर्क में उतनी ताकत नहीं रहती | 



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Ring Topology in HIndi

रिंग टोपोलॉजी हिंदी में 



रिंग टोपोलॉजी ऐसा नेटवर्क है जिसमे सभी डिवाइसेस गोलाई से आपस में कनेक्टेड होते है | हर डिवाइस अपने से 2 और डिवाइसेस से कनेक्टेड होता है जैसे कि नीचे चित्र में दिखाया गया है | तो जितने भी डिवाइसेस आपस में कनेक्टेड होते है वो सभी रिंग नेटवर्क कहलाते है | 

रिंग नेटवर्क में डेटा के पैकेट 1 से दूसरे डिवाइस में ट्रेवल करते रहते है जब तक कि वो अपनी जगह तक नहीं पहुँच जाते | ज्यादातर रिंग टोपोलोजिज़ में डाटा का ट्रेवल एक ही दिशा में होता है, जिसको यूनिडायरेक्शनल (Unidirectional) रिंग नेटवर्क कहा जाता है | दूसरों में डाटा का ट्रेवल दोनों दिशाओ में होता है जिसको बिडडायरेक्शनल (Bidirectional) कहा जाता है | 

रिंग नेटवर्क की एक बहुत बड़ी हानि ये है कि अगर नेटवर्क में कोई एक डिवाइस ख़राब हो जाये तो इसका असर पूरे नेटवर्क पर पड़ता है | 

रिंग टोपोलोजिज़ लेन (Local Area Network) या फिर वैन (Wide Area Network) के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है | ये कंप्यूटर में इन्सटाल्ड नेटवर्क कार्ड के ऊपर निर्भर करता है कि सबको आपस में कनेक्ट करने के लिए कौनसी केबल इस्तेमाल की जाएगी, coaxial या फिर RJ45 | 




Ring Topology History

पहले रिंग टोपोलॉजी का इस्तेमाल ज्यादा स्कूल, कॉलेज या फिर छोटे ऑफिसेस में किया जाता था जहाँ पर छोटे नेटवर्क की जरुरत पड़ती थी | पर आजकल ये टोपोलॉजी कभी-कभी ही इस्तेमाल होती है सभी कंपनीस अपने नेटवर्क को नए तरह के नेटवर्क में बदल चुकी है जाना पर उनको पूरी सुरक्षा और स्टेबिलिटी और हेल्प मिलती है | 


Advantages (लाभ) of ring topology

  1.  सारा डाटा एक ही दिशा में घूमता है इसलिए डाटा के आपस में टकराने (Collision) की चांसेस काम होते है 
  2. आपस में कनेक्टेड हर वर्कस्टेशन के बीच में किसी नेटवर्क सर्वर की आवश्यकता नहीं पड़ती है | 
  3. वर्कस्टेशन के बीच में डाटा का ट्रांसफर बहुत तेज स्पीड में होता है | 
  4.  नेटवर्क को प्रभावित किये बिना नया वर्कस्टेशन नेटवर्क के साथ जोड़ा जा सकता है | 

Disadvantages (हानि) of ring topology


  1.  नेटवर्क में डाटा का ट्रांसफर हर वर्कस्टेशन से होकर गुजरता है जिससे कि ये नेटवर्क थोड़ा धीमा पढ़ जाता है जबकि स्टार टोपोलॉजी में ऐसा नहीं होता | 
  2. अगर एक वर्कस्टेशन बंद हो जाता है तो इसका असर पूरे नेटवर्क पर पड़ता है | 
  3. हर वर्कस्टेशन को आपस में कनेक्ट करना बहुत ही खर्चे वाला काम हो जाता है |

Bus Topology in Hindi

जानिये बस टोपोलॉजी के (Bus Topology) बारे में हिंदी में 

watch latest tech videos in Hindi


बस टोपोलॉजी को हम लाइन टोपोलॉजी (Like Topology) भी कह सकते है | बस टोपोलॉजी एक तरह का नेटवर्क सेटअप है जिसमे सभी कम्प्यूटर्स या फिर डिवाइसेस एक सिंगल केबल या फिर बेकबोर्न से कनेक्टेड होते है | केबल और नेटवर्क कार्ड अलग-अलग हो सकते है पर ये सब RJ45 कनेक्टर से कनेक्टेड होते है | 

अभी नीचे हम देखते है अगर आप बस टोपोलॉजी का इस्तेमाल करते है तो इसके क्या फायदे और क्या नुकसान है ?



बस टोपोलॉजी के फायदे 

  • अगर आपका नेटवर्क छोटा है ये अच्छी तरह से काम करती है | 
  • अगर आप अपने कम्प्यूटर्स और दुसरे फेरिफेरल्स को एक लाइन में कनेक्ट करना चाहते है तो ये सबसे आसान नेटवर्क टोपोलॉजी है | 
  • स्टार टोपोलॉजी के मुकाबले इसमें कम केबल का इस्तेमाल होता है | 



बस टोपोलॉजी के नुकसान 

  
  • अगर पूरा नेटवर्क डाउन हो जाए तो प्रॉब्लम को ढूढ़ना थोड़ा मुश्किल हो जाता है | 
  • अलग-अलग डिवाइसेस को ट्रबलशूट करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है | 
  • बड़े नेटवर्क के लिए बस तोपलोगी बहुत अच्छी नहीं है | 
  • बड़ी केबल के दोनों तरफ टर्मिनेटर्स की जरुरत पड़ती है | 
  • अतिरिक्त डिवाइसेस नेटवर्क को धीमा कर देती है | 
  • अगर मेन केबल ख़राब हो जाए तो नेटवर्क फ़ैल हो जाता है या फिर नेटवर्क 2 हिस्सों में बंट जाता है | 


RING TOPOLOGY IN HINDI

Motherboard Form Factor in Hindi

इस विडियो में आज हम मदबोर्ड की अलग अलग साइज़ के बारे में बात करेंगे |






मदरबोर्ड कंप्यूटर का बहुत जरुरी पार्ट होता है ये एक बहुत ही बढ़ा सर्किट बोर्ड होता है जो कि कंप्यूटर केस में फिट होता है और बाकी सभी पार्ट इससे कनेक्टेड होते है | मदर बोर्ड अलग अलग साइज़ और शेप में आते है इंग्लिश में इसको Form Factor कहा जाता है | फॉर्म फैक्टर में ये सभी चीज़े शामिल होती है मदर बोर्ड की साइज़, मदर बोर्ड में कनेक्ट की जाने वाली पॉवर सप्लाई, मदर बोर्ड के आई ओ (IO) पोर्ट्स, और यहाँ तक कि मदर बोर्ड को कसने के लिए बनाये गए छेद भी | तो फॉर्म फैक्टर एक स्टैण्डर्ड है जिसको सभी कम्पनीस को फॉलो करना होता है और उसके अनुसार ही मदर बोर्ड का निर्माण किया जाता है | 

सबसे ज्यादा form factor जो कि मदर बोर्ड में इस्तेमाल किया जाता है वो है ATX इसका मतलब है (Advanced Technology Extended) एडवांस्ड टेक्नोलॉजी एक्सटेंडेड | ये एक नॉन प्रोप्राईटरी- इसका मतलब है ये किसी एक का नहीं है इसको कोई भी इस्तेमाल कर सकता है | इसको इंटेल INTEL ने 1995 में बनाया था | और ये स्टैण्डर्ड सबका चहेता और जाना पहचाना स्टैण्डर्ड बन गया है | 

तो अगर आप घर या ऑफिस के लिए कंप्यूटर खरीद रहे तो आपको उनमे ज्यादातर ATX मदर बोर्ड ही दिखाई देगा | 

एक स्टैण्डर्ड मदर बोर्ड की साइज़ 12 X 9.6 inches होती है | 

उसमे 20 या फिर 24 पिन का पॉवर कनेक्टर होता है |

और एक मदर बोर्ड में कुछ एक्सपेंशन (expansion slot) स्लॉट भी होते है | जैसे स्क्रीन पर दिखाए गए मदर बोर्ड में 6 एक्सपेंशन स्लॉट है | 




अगर मदर बोर्ड डेवलपमेंट की पुरानी बात करें तो इसका पुराना वर्शन है AT (Advanced Technology) इसका मतलब है एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और ये IBM के द्वारा बनाया गया था और सन 1980 के दौर में इस्तेमाल किया जाता था | इनका साइज़ 12 x 13.8 होता था और ATX की सफलता के बाद इसका निर्माण बंद कर दिया गया है | 

ATX का नया रूप है Micro ATX | जैसा कि इसका नाम है वैसा ही इसका साइज़ भी छोटा होता है |




इसका साइज़ चौकोर होता है | (9.6 x 9.6) | ये मदर बोर्ड पुराने ATX मदर बोर्ड के मुकाबले आधे से थोड़ा बड़ा होता है | क्यूंकि ये छोटा होता है तो इसमें एक्सपेंशन स्लॉट्स भी कम होते है जैसे दिखाए गए इमेज में 3 एक्सपेंशन स्लॉट्स है | ये पुराने ATX मदर बोर्ड के मुकाबले थोड़ा सस्ता भी आता है | इसमें 20 पिन का पॉवर कनेक्टर दिया हुआ होता है | 

और इससे भी छोटे मदर बोर्ड की बात करें तो वो है ITX जो इससे भी छोटा होता है | ITX Form Factor 2001 में आया था और इसकी शुरुआत मिनी ITX (Mini ITX) से हुई थी | ये मदर बोर्ड इसलिए बनाये गए है जिससे कंप्यूटर और भी कम जगह को घेरे | mini ITX कम पॉवर का इस्तेमाल करते है इसलिए कई मदर बोर्ड में तो फेन तक नहीं होता सिर्फ हीट सिंक का ही इस्तेमाल किया जाता है | 



ये VIA Technologies के द्वारा बनाया गया है और अलग अलग साइज़ में उपलब्ध है | इसका साइज़ 6.7 X 6.7 inches होता है | ये ATX board का बिलकुल आधा सा होता है और आधा होने कि वजह से इसमें सिर्फ 1 ही एक्सपेंशन स्लॉट दिया हुआ होता है | इसमें सिर्फ 2 मेमोरी स्लॉट होते है जबकि ATX में 4 हो सकते है | सभी चीज़े एक जैसी होने कि वजह से और सभी का स्टैण्डर्ड एक ही होने कि वजह से ये mini ATX बोर्ड किसी भी ATX कंप्यूटर केस में फिट हो जाता है | 

एक और फॉर्म फैक्टर है जो कि ATX के बाद आया है और वो है BTX | ये स्टैण्डर्ड इंटेल INTEL के द्वारा बनाया गया है | इसमें इंटेल के द्वारा कुछ और बदलाव किये गए है | इसका डिजाईन इस तरह से बनाया गया है जिससे गर्म हवा का फ्लो अच्छे से बाहर की तरह किया जा सके वो भी बिना किसी कम्पोनेंट को नुक्सान पहुंचाए | जो कि मदर बोर्ड कि क्षमता को और भी बड़ा देता है | इसका डिजाईन इस तरह बनाया गया है जिससे ये बड़े और छोटे दोनों कंप्यूटर केसेस में आसानी से फिट हो जाये | पर इनका ज्यादा उपयोग नहीं किया जाता है इसका कारन पॉवर हो सकता है क्यूंकि ATX बोर्ड बहुत ही कम पॉवर में भी अच्छे से वर्क कर जाते है |

एक और फॉर्म फैक्टर है जो इंटेल के द्वारा बनाया गया है वो है NLX | ये बोर्ड लो एंड और लो प्रोफाइल कंप्यूटर के लिए बनाया गया है | इसमें एक्सपेंशन कार्ड नहीं होने कि वजह से इसमें Riser Card का इस्तेमाल किया जाता है और उस riser कार्ड के माध्यम से जो भी आपको प्लग करना है वो किया जाता है | Slim Line Computer Cases में ये बोर्ड आपको ज्यादातर दिखाई दे सकता है |



What is Server Hindi Turorial

आज का हमरा टॉपिक है सर्वर क्या होता है ?  



तो सर्वर एक डेडिकेटेड कंप्यूटर होता है जो कि क्लाइंट कंप्यूटरों या फिर वर्कस्टेशन की रिक्वेस्ट पर उनको सर्विस देता है | तो ये एक सेंट्रलाइज्ड कंप्यूटर होता है जिसके द्वारा काफी सारे कंप्यूटर इन्टरनेट के द्वारा या फिर लोकल नेटवर्क के द्वारा कनेक्टेड होते है ये कंप्यूटर किसी एक सर्विस के लिए सर्वर से कनेक्टेड होते है | 

तो उदहारण के तौर पर देखे तो ये सर्वर वेब सर्वर या फिर डेटाबेस सर्वर या फिर ईमेल सर्वर हो सकता है या फिर सभी सर्विसेज के लिए अलग अलग सर्वर भी लगा सकते है | आम तौर पर छोटी संस्थाओ में 1 सर्वर से ही काम चला लिया जाता है वो भी उनकी कंडीशन पर निर्भर करता है |



आमतौर पर जब लोग सर्वर के बारे में बात करते है तो उनको लगता है ये एक बहुत ही पोवेरफुल्ल कंप्यूटर होता है जिसके द्वारा बहुत सारे लैपटॉप या फिर कंप्यूटर कनेक्टेड होते है | पर वास्तव में सर्वर सिर्फ एक फिजिकल कंप्यूटर नहीं होता है | हम कह सकते है कि सर्वर एक रोल की तरह होता है जैसे कोई एक्टर होता है जो कि सर्वर को निभाना होता है  क्योंकि किसी साधारण डेस्कटॉप कंप्यूटर को भी सर्वर बनाया जा सकता है और इसके लिए किसी पावरफुल डेस्कटॉप कि जरुरत नहीं पड़ती है |

उदहारण के तौर पर आप अपने घर में नेटवर्क बना सकते है ४ 5 कंप्यूटर को जोड़ सकते है और किसी एक डेस्कटॉप को फाइल सर्वर बना सकते है और ये सभी फाइल्स इस कंप्यूटर में किसी फोल्डर में डाल कर उसको शेयर कर दिया जाता है |

इसके अलावा आप किसी भी डेस्कटॉप को वेबसर्वर बना सकते है बस उस कंप्यूटर में आपको वेबसाइट डाटा इनस्टॉल करना पड़ेगा और बस नेटवर्क के द्वारा बाकी देस्त्कोप कंप्यूटर उसको एक्सेस कर सकते है |

पर डेस्कटॉप कंप्यूटर साधारण कामों के लिए बनाये गए है | ये बहुत सारे कंप्यूटर का वर्क लोड नहीं उठा सकते है | ये एक साथ आने वाले बहुत सारे इन कमिंग कनेक्शन का लोड नहीं उठा सकते और ये सिर्फ इसलिए नहीं होता कि इनका हार्डवेयर कमजोर होता है इसमें डाला हुआ सॉफ्टवेर भी इतना लोड नहीं उठा सकते है | और ये डेस्कटॉप बहुत कम इन कमिंग कनेक्शन लेने लायक ही बनाये जाते है |

चूँकि सर्वर किसी भी संस्था के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है तो सर्वर्स ऐसे बनाये जाते है जो 24/7 चलाये जा सकें वो भी बिना किसी रुकावट के, अगर ये किसी भी कारण डाउन हो जाता है तो ये किसी भी संस्था या फिर उसके बिज़नस को बर्बाद कर सकता है | इसलिए सर्वर बहुत ही महंगे हार्डवेयर को मिलाकर ऐसे बनाये जाते है जो कभी डाउन न हो और बिना रुके 24 घंटों चलते रहे वो भी आराम से |

तो अगर आप डेस्कटॉप का इस्तेमाल कर रहे है तो इसलिए अलग तरन का cpu बनाया जाता है जैसे core i7 और अगर आप सर्वर का इस्तेमाल करना चाहते है तो इसिलए अलग तरन का cpu बनाया गया है जैसे xeon |

सर्वर प्रोसेसर का फ़ास्ट होना जरुरी होता है और इसको इस तरह से बनाया जाता है जिससे ये कई कामों को एक साथ कर सके | क्योंकि ये दोनों ही प्रोसेसर बहुत ही पावरफुल होते है पर फिर भी दोनों में बहुत अंतर है उदहारण के तौर पर xeon processors, मल्टी प्रोसेसिंग वातावरण को सपोर्ट करते है और ये किसी दुसरे प्रोसेसर के साथ मिलकर काम कर सकते है इसका मतलब आप किसी भी सर्वर मदर बोर्ड जो कि दो प्रोसेसर को सपोर्ट करता है उसमे xeon प्रोसेसर का इस्तेमाल एक साथ कर सकते है | पर इसके दूसरी साइड डेस्कटॉप मदर बोर्ड ऐसे नहीं होते उनमे सिर्फ एक ही प्रोसेसर एक बार में लगाया जा सकता है | और ये किसी दुसरे प्रोसेसर के साथ काम नहीं कर सकते |

और एक फर्क है दोनों में xeon प्रोसेसर ecc ram का इस्तेमाल करते है जो कि सिर्फ सर्वर्स कंप्यूटर में ही इस्तेमाल की जाती है और इसका नाम है error code correcting memory जो कि सिर्फ सर्वर में डाली जा सकती है क्योंकि सर्वर हमेशा चलता रहे और बंद ना हो पर सर्वर कि मेमोरी में एरर आने वजह से सर्वर बंद हो सकता है इसलिए ये एरर को डिटेक्ट करती है और हमेशा चेक करती रहती है कि डाटा सही से प्रोसेस हो रहा है या नहीं अगर कोई गड़बड़ हो रही है तो उसके समय रहते रोका जा सके और अगर मोमोरी में किसी तरह कि समस्या हो गयी है तो उसको इसी रेम के द्वारा ठीक किया जाता है |

तो ecc मेमोरी का इस्तेमाल इसिलए किया जाता है कि सर्वर को किसी भी तरह से बंद होने से बचाया जा सकते ये एक तरह का एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन होता है |

और इंटेल कोर प्रोसेस ecc ram को सपोर्ट नहीं करते है जबकि amd के प्रोसेसर इसको सपोर्ट करते है |
Xeon प्रोसेसर ज्यादा gb वाली रेम को सपोर्ट करते है जिनमे ज्यादा cache memory होती है और जिनका कोर काउंट भी डेस्कटॉप के मुकाबले ज्यादा होता है

सर्वर्स में hot swapable hard drives होती है जिनको रेड configuration के द्वारा इनस्टॉल किया जाता है क्योंकि अगर कोई भी हार्ड ड्राइव फ़ैल हो जाती है तो किस भी तरह का डाटा लोस नहीं होता है एक raid configuration इसको बचा देता है और सर्वर उस कंडीशन में भी चलता रहता है और अपना काम करता रहता है |

क्योंकि raid ek डाटा को मल्टिपल हार्ड ड्राइव्स में कॉपी कर देता है और ख़राब हार्ड ड्राइव को नयी हार्ड ड्राइव से बिना सर्वर को बंद करे रिप्लेस किया जा सकता है और रिप्लेस करते ही raid अपने आप नई हार्ड ड्राइव में डाटा कॉपी करना सुरु कर देता है |

Power cut कि परिस्थिति में सर्वर बंद ना हो और अपना काम करता रहे इसके लिए सर्वर में एक्स्ट्रा पॉवर सप्लाई दी जाती है |

एक सर्वर के द्वारा सिर्फ एक सर्वर ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाना जरुरी है उदहारण के तौर पर Linux, windows server या फिर mac os server |

सर्वर ऑपरेटिंग सर्वर्स बहुत ही मज़बूत होते है और इस तरह से डिजाईन किये जाते है कि बिना रुके लगातार चलते रहे और हज़ारों connections को एक साथ झेल सकें |

सर्वर बहुत तरह के होते है उदहारण के तौर पर एक वेब सर्वर कि बात करें तो एक वेब सर्वर एक वेबसाइट हो होस्ट करता है | आप अपने कंप्यूटर के वेब ब्राउज़र के द्वारा किसी भी वेबसाइट को खोलते है तो इन्टरनेट के द्वारा आपका कनेक्शन उस वेब सर्वर तक पहुँचाया जाता है और उस वेबसाइट को खोल दिया जाता है | एक वेब सर्वर में सभी तरह का वेबसाइट का डाटा होता है जिसमे html कोड्स और ग्राफ़िक्स भी शामिल है साथ ही साथ वेब सर्वर सॉफ्टवेर भी इनस्टॉल होता है |

एक और सर्वर कि बात करें तो ये है ईमेल सर्वर | ईमेल को सेंड और रिसीव करने का काम ईमेल सर्वर का होता है | ईमेल एक्सेस करने के लिए आप अपने ब्रोस्वेर का इस्तेमाल कर सकते है या फिर outlook या फिर thunderbird भी इस्तेमाल कर सकते है जो कि ईमेल प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करते है जैसे कि  imap, pop या फिर smtp.

और यहाँ एक और सर्वर है और ये है डेटाबेस सर्वर, इस तरह के सर्वर का काम बैकहैंड में डाटा को स्टोर करके रखने का काम होता है जो कि फ्रंटएंड कंप्यूटर के द्वारा किसी न किसी सॉफ्टवेर का इस्तेमाल करके डाटा का  इस्तेमाल किया जाता है |

तो ये कुछ उदहारण थे सर्वर के, पर इसके अलावा भी बहुत सारे सर्वर होते है | तो इस विडियो को देखने के लिए आप सभी का धन्यवाद | प्लीज सब्सक्राइब कीजिये मेरा चैनल | थैंक यू सो मच आप सभी का 



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